स्विमिंग करने के लिए स्विमिंग सीखना जरूरी होता हैं और उस तरीके से सीखकर और तरीके से करना बहुत जरूरी होता है। तैरने से वजन कम करने, मांसपेशियों को मजबूत बनाने, शरीर में ताकत बनाए रखने और दिल को स्वस्थ रखने मदद करती हैं और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए यह एक बेहतरीन शारीरिक गतिविधि है। यह हमारे दिमाग और शरीर को ठीक रखने में भी मदद करती है। लेकिन तैराकी के विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के साथ साथ-साथ इसकी हानि से बचने के लिए इसे सही ढंग से करने की आवश्यकता होती है। अगर तैराकी सही ढंग और तकनीक से की जाए तो इससे न केवल शरीर को तनावमुक्त और स्वस्थ रखने में मदद मिलती मिलती है, बल्कि हमारी गति में भी सुधार होता है। अगर आप स्विमिंग सिखने के लिए बिलकुल नए है तो स्विमिंग पूल में तो सबसे पहले स्विमिंग की बेसिक टेक्निक्स को समझना जरूरी होता है। एक बार बेसिक टेक्निक्स को समझने लग जायेंगे तो आप स्विमिंग पूल में ज्यादा रिलैक्स महसूस करेंगे।
बातें जिनका आपको स्विमिंग के वक्त ध्यान रखना चाहिए अन्यथा आपको हानि हो सकती हैं -
- पानी के साथ बैलेंस और फ्लोटिंग - स्विमिंग करने से पहले हमको पानी का डर अपने मन से निकल देना चाहिए और स्विमिंग पूल में कुछ दिन तक सिर्फ पानी में इधर उधर चलने से इस डर को निकला जा सकता है। पानी में बैलेंस बनाने के लिए हमें 2 -3 दिन लगातार किक बोर्ड पर अभ्याश करना होता हैं। शरुआत में सभी को ये मुश्किल लगता हैं और हमें दिक्कत आती है लेकिन धीरे धीरे हमारा बैलेंस बन जाता हैं। किक बोर्ड का एक और फायदा है बैलेंस के साथ साथ ये हमें स्ट्रीमलाइन पोजीशन में रहने में भी सहायता करता हैं।
- किक बोर्ड का सही इस्तेमाल और किक करने का तरीका - अगर हमें सही किक करना आ जाए तो हम स्विमिंग जल्दी सीख सकते हैं। किक करने का मतलब ये बिलकुल नहीं होता है कि हम पानी के सरफेस पर कितनी जोर से किक मारते है या किक करने से कितना पानी उछलता है। अक्सर यह देखने को मिलता है जो नए तैराक होते है वो अपने पैर से पानी को निकालकर पानी पर पटकते है जो की बिलकुल गलत है। ऐसा करने पर सिर्फ आपका शारीर थकेगा और स्विमिंग भी नहीं सिख पाएंगे। ध्यान रहें आप किक बोर्ड पर ज्यादा प्रेशर से न पकड़े। किक करते वक्त पैरो को रिलैक्स रखे और पानी को धीरे-धीरे से मारे। किक बोर्ड को उसकी लम्बाई के आधे या आधे से थोडा ज्यादा वाले हिस्से से पकड़े।
- पानी में ग्लाइडिंग(gliding) - पानी में ग्लाइडिंग करने से ही स्विमिंग करते वक्त शारीर आगे की ओर बढ़ता है और इसको सही से जानने के बाद स्विमिंग में धीरे धीरे स्पीड का इम्प्रूवमेंट कराया जाता है। ग्लाइडिंग में इम्प्रूवमेंट लाने के लिए हमें सभी दिए गये निर्देशों का पालन करना होता हैं। स्विमिंग करते वक्त शारीर को जितना हो सके उतना सीधा रखने की कोशिश करें जिससे ग्लाइडिंग अच्छी तरह से हो सकें। स्विमिंग करते वक्त आपकी नजर पूल की काली पट्टी पर होनी चाहिए ना की आगे की ओर।
- स्ट्रोक का उपयोग करना - तैराकी के मामले में यह संभावना रहती है कि जो बातें हमने बचपन में सीखी हो वो गलत हो सकती हैं। अगर हमने बचपन में कोई स्ट्रोक सीखा था तो जरूरी नहीं की वो अभी भी सही हो। हो सकता है वो इस उम्र के लिए गलत हो। गलत तकनीक का उपयोग करने से तैराकी करते समय पानी में गति कम हो सकती है और तेजी से तैराकी सिखने और गति बढ़ने के लिए उचित तकनीक का उपयोग करना महत्वपूर्ण है। सही से तैराकी करने और पानी में तेजी से आगे बढ़ने के लिए सही तैराकी कौशल यानि सही स्ट्रोक का सीखन बहुत जरूरी होता है।
- समय-समय पर सांस लेना और सिर पानी में डुबोना - तैराकी करते समय हमें आगे बढ़ने के लिए हर समय सामने देखना जरूरी नहीं हैं। तैराकी के मामलें में हमें अपने सिर को बगल में ले जाकर गहरी सांस लेनी होती है और फिर नीचे देखना होता हैं। तेजी से आगे बढ़ने के लिए सिर का पानी में डूबा होना चाहिए। सांस लेने के लिए समय-समय पर सिर को दाएं और बाएं घुमाकर सांस लें और फिर सिर को पानी में डूबों लें।
- हाथ की उंगलियों को एक साथ ना रखें - पानी के अंदर पैडल करते समय हमें अपनी उंगलियों को एक साथ नहीं रखना चाहिए। अध्ययनों से पता चलता है कि अगर हम उंगलियों के बीच कुछ दूरी बनाये रखेंगे तो पानी की गति को काटने में मदद मिलती है और हम अपनी गति बढ़ा सकते हैं। यह हमको अपनी उंगलियों को एक साथ रखने की तुलना में उँगलियों को अलग-अलग रखने से पानी की गति को काटकर आसानी से आगे जा सकते है।
- हर स्ट्रोक के बाद सांस लेना - कुछ तैराकों को हर चार स्ट्रोक के बाद सांस लेना सिखाया जाता है, लेकिन तैराकी तकनीक में बदलाव के साथ, हर स्ट्रोक के साथ सांस लेना अच्छा होता है। अपनी सांस रोकना हमारी गति को बढ़ाने में मदद नहीं करता है और ना ही यह एक स्वस्थ तकनीक है।
- फ्रीस्टाइल स्विमिंग - तैराकी के चारो तरीके में से सबसे तेज़ फ्रीस्टाइल स्विमिंग होती है और सबसे पहले कोई भी स्विमर यही स्ट्रोक सीखता है। फ्रीस्टाइल स्विमिंग को एक और नाम से भी जाना जाता है “फ्रंट क्रॉल"। फ्रीस्टाइल में दोनों आर्म्स (भुजाओ) का बारी बारी से इस्तेमाल होता है और इसमें सांस लेने के लिए सामने ना देख कर सिर को बगल में करके सांस ली जाती है जो हमारी स्पीड बनाये रखने के लिए भी जरूरी होता है।
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